PinnedPublished inmy tukbandiHindi Poem: ठोडी का तिलआकर झाँक लो अब तुम इस दिल में, पसरा है सूनापन आज भी महफ़िल में।Oct 12, 2020A response icon1Oct 12, 2020A response icon1
#अन्तस्_की_बातकई बार हम जिसको पसंद करते हैं, उसकी पसंद जानने में हम बहुत समय लगा देते हैं । ★★Apr 24, 2022Apr 24, 2022
मौन की लिपि और भाषामौन, मन की लिपि में लिखी वो भाषा है जिसे पढ़ने के लिए अहसासों का आखर ज्ञान अपरिहार्य है ।Apr 17, 2022Apr 17, 2022
जरूरी हैएक के हाथ थामने के बावज़ूद अधूरी छूट जाती हैं कुछ कहानियाँ प्रेम की और नहीं पहुँच पाती हैं अपनी मंजिल तकMar 27, 2022Mar 27, 2022